बैजनाथ महतो ने वापस लिया नामांकन, सूर्य सिंह बेसरा ने लगाए ये गंभीर आरोप

,

|

Share:


डुमरी विधानसभा उपचुनाव होने में अब सिर्फ कुछ हफ्तों का ही समय बचा है. आगामी 5 सितंबर को उपचुनाव के लिए मतदान हो जाएंगे. और 8 सितंबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे. लेकिन पहले ये समझते हैं कि डुमरी में उपचुनाव क्यों हो रहे हैं. दरअसल, बीते 6 अप्रैल को राज्य के शिक्षा मंत्री और डुमरी विधायक जगरनाथ महतो का निधन हो गया था,जिसके बाद से डुमरी विधानसभा की सीट अब तक खाली है. संविधान के अनुसार कोई भी सीट केवल 6 महिनों तक ही खाली रह सकती है. इसी के मद्देनजर अब चुनाव आयोग ने डुमरी में उपचुनाव की घोषणा कर दी . लेकिन डुमरी में उपचुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच कुछ मतभेद होते भी दिख रहे हैं.

हालांकि बीते 4 जुलाई को सीएम हेमंत सोरेन ने दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी को कैबिनेट में मद्य निषेध मंत्री पद की शपथ दिलाई. जिसके बाद से ही तय हो गया था कि डुमरी उपचुनाव में झामुमो के बैनर तले बेबी देवी ही चुनाव लड़ेंगी,और ऐसा हुआ भी 17 आगस्त को बेबी देवी ने झामुमो के प्रत्याशी के रुप में अपना नॉमिनेशन फाइल कर दिया.
जिसके बाद आजसू और भाजपा के गठबंधन पर भी मुहर लगी और एनडीए प्रत्याशी के रुप में आजसू पार्टी ने यशोदा देवी को टिकट दिया.

वहीं, डुमरी उपचुनाव में AIMIM प्रत्याशी अब्दुल मोबिन रिजवी ने भी पर्चा भर दिया है, निर्दलीय के रुप में बिरनी निवासी कमल प्रसाद साहू ने पर्चा भरा है.

इस उपचुनाव में यूथ सेंसेशन जयराम महतो की पार्टी झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति यानी JBKSS से भी प्रत्याशी उतारने की उम्मीद थी लेकिन JBKSS से किसी ने भी इस चुनाव में दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
लेकिन अब बताते हैं फेंच कहां फंस रहा था.

बीते कुछ दिनों से डुमरी में बैजनाथ महतो का नाम चर्चा में रहा, दरअसल बैजनाथ महतो बीते 12 सालों आजसू से जुड़े हैं और वे गिरिडीह आजसू के केंद्रीय सचिव हैं. लेकिन अचानक बैजनाथ महतो ने आजसू का दामन छोड़ सूर्य सिंह बेसरा की पार्टी झारखंड पीपुल्स पार्टी यानी जेपीपी का हाथ थाम लिया और झारखंड पीपुल्स पार्टी के टिकट पर अपना नामांकन दाखिल भी कर दिया. जिसके बाद डुमरी में राजनीति का गणित गड़बड़ाता हुआ दिखा. एनडीए खेमे में लोग बैजनाथ महतो के निर्णय से काफी परेशान भी नजर आए.

बैजनाथ महतो के इस निर्णय के बाद आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो, गोमिया विधायक लंबोदर महतो, पूर्वविधायक उमाकांत रजक व आजसू पार्टी के प्रवक्ता देवशरण भगत बैजनाथ महतो से मिलने पहुंचे. इन सब के बैठक के बाद ही बैजनाथ महतो ने नामांकन वापस लेने की घोषणा कर दी और आज यानी 21 अगस्त को बैजनाथ महतो ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. नामांकन वापसी के बाद आजसू के केंद्रीय सचिव बैजनाथ महतो ने कहा कि वे अपनी पार्टी के साथ हैं और पार्टी के उम्मीदवार को पूरा समर्थन रहेगा.

बैजनाथ महतो के इस घोषणा के बाद जेपीपी अध्यक्ष यानी सूर्य सिंह बेसरा ने आजसू पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाये हैं.
सूर्य सिंह बेसरा ने सुदेश महतो के साथ गोमिया विधायक लंबोदर महतो, पूर्व विधायक उमाकांत रजक और आजसू पार्टी के प्रवक्ता देवशरण भगत पर प्रत्याशी के अपहरण का आरोप लगाया है. सूर्य सिंह बेसरा ने कहा है कि इन चारों ने डुमरी से उनकी पार्टी के प्रत्याशी बैजनाथ महतो के कार्यालय पर हमला बोलकर प्रत्याशी बैजनाथ का अपहरण कर लिया. इसको लेकर सूर्यसिंह बेसरा ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह सचिव, मंत्रीमंडल , झारखंड को लिखित शिकायत दी है. इस शिकायत में सूर्य सिंह बेसरा ने कहा है कि यह घटना एक घृणित कार्य है और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन भी.

साथ ही अपने आवेदन में यह भी कहा है कि अपहरण करने के बाद बैजनाथ को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया. यहां पर बैजनाथ को डराया-धमकाया गया, साथ ही साथ करोड़ों का लालच दिया गया. इसके बाद बैजनाथ को मीडिया के सामने लाया गया और फिर एक बयान दिलवाया गया कि वे नामांकन वापस लेंगे और डुमरी से आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी का समर्थन करेंगे.

दूसरी तरफ सूर्यसिंह बेसरा के आरोपों पर बैजनाथ महतो ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जेपीपी के चिन्ह पर उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया था. हालांकि उन्होंने आजसू पार्टी छोड़ी नहीं थी. शनिवार को आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो उनके पास आये और सौहार्दपूर्ण माहौल में बात हुई. उन्होंने कहा कि जो विधायक बनेंगे वे इस क्षेत्र की समस्या का ध्यान रखते हुए कोई निर्णय लेंगे. इस पर केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश तैयार हो गए न तो उनका अपहरण हुआ और न ही किसी प्रकार का प्रलोभन उन्हें दिया गया. उन्होंने स्वेच्छा से नामांकन वापस लेने का निर्णय लिया है.

माना जा रहा है कि बैजनाथ महतो आजसू पार्टी से कुछ कारणों से नाराज थे इसलिए उन्होंने पार्टी बदल ली थी लेकिन अब जब सुदेश महतो ने उनकी मांगों पर हामी भर दी है तो बैजनाथ महतो ने आजसू पार्टी का साथ देने का फैसला किया है. खैर, आजसू पार्टी और एनडीए को बैजनाथ महतो के नाम वापस लेने से कितना फायदा होता है ये तो 8 सिंतबर यानी चुनावी नतीजे के दिन पता चल जाएगा.

Tags:

Latest Updates