मधु कोड़ा के दौरान भी इन्हीं लोगों ने ”मधु” खाया और बेचारे कोड़ा को “कोड़ा” खाने के लिए छोड़ दिया : बाबूलाल मरांडी

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झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी संकल्प यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान वो राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर लगातार हमला बोलते रहते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने एक बार फिर झारखंड के गठबंधन सरकार पर हमला बोला है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि “झामुमो-कांग्रेस-राजद ठगबंधन की सरकार भ्रष्टाचार और अपराध की पराकाष्ठा को पार कर चुकी है. राज्य के हर कोने में हेमंत सरकार के प्रति जनाक्रोश को महसूस किया जा सकता है. निकम्मी हेमंत सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, इसको सत्ता से उखाड़ फेंकना भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का संकल्प है.”

हेमंत है तो हिम्मत है वाले ED से भाग रहे : बाबूलाल मरांडी

वहीं, बार-बार ईडी के समन के बावजूद सीएम हेमंत सोरेन ईडी दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं. इस पर भी बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर जेएमएम और हेमंत सोरेन पर तंज कसा है. बाबूलाल ने कहा “JMM वाले कहते हैं कि हेमंत है तो हिम्मत है लेकिन मुख्यमंत्री तो ED से भाग रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दे रहे हैं कि उनपर जमीन घोटाले के मामले में कोई पीड़क कार्यवाई न हो.

जबजब कांग्रेस, राजद और झामुमो ने हाथ मिलाया

वहीं, बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैं ये दावे साथ कहता हूं कि मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार देश के राज्यों की सबसे भ्रष्ट सरकार है. मधु कोड़ा के दौरान भी इन्हीं लोगों ने ”मधु” खाया और बेचारे कोड़ा को “कोड़ा” खाने के लिए छोड़ दिया. जब-जब कांग्रेस, राजद और झामुमो ने हाथ मिलाया है, झारखंड का बेड़ा गर्क किया गया है और सिर्फ़ लूटने का काम हुआ है.”

10000 करोड़ का घोटाला हेमंत सोरेन की सरकार में हुआ : बाबूलाल मरांडी

झारखंड में हेमंत सरकार ने पिछले चार वर्षों में सिर्फ अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर उनका हौसला बढ़ाया है. इस दौरान लगभग 10000 करोड़ का घोटाला हेमंत सोरेन की सरकार में हुआ है, राज्य में प्रतिदिन 5 हत्याएं हो रही हैं. हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के दायित्वों का निर्वहन करने की बजाय ‘Abuse of Power’ के दम पर अपने विरोधियों को झूठे मुकदमों में फंसाया. अपने राजनैतिक दुश्मनों को मज़ा चखाने के लिए एसटी-एससी एक्ट का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग किया. यहां तक कि अपने लठैत, बेईमान, षड्यंत्रकारी अफ़सरों के दम पर ईडी के अफ़सरों को भी एकदम से फ़र्ज़ी मामले बनाकर कर एसटी-एससी एक्ट में फंसाने की कोशिश की. समय का न्याय देखिए, अब इनकी गर्दन भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है. ये खुद जेल जाने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गिड़गिड़ा रहे हैं, इनकी सारी हिम्मत हवा हो गई है और जेल जाने के डर के मारे पसीने छूट रहे हैं.

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