बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनका पुराना वादा याद दिलाया है.
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार से सवाल किया है कि 1 जनवरी से पहले प्रतियोगी परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करने के वादे का क्या हुआ?
दरअसल, 28 नवंबर 2024 को चौथी बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की थी. इस मीटिंग के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा था कि 1 जनवरी 2025 से पहले रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी, जेएसएससी सहित अन्य प्राधिकारों द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं का कैलेंडर जारी होगा.
उन्होंने यह भी वादा किया था कि लंबित नियुक्ति प्रक्रियाओं को भी नये साल से पहले पूरा कर लिया जायेगा. आज 31 दिसंबर है. यह वादा अधूरा रह गया.
हेमंत सोरेन जी ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद 1 जनवरी 2025 से पूर्व JPSC और JSSC परीक्षाओं के लिए नियुक्ति कैलेंडर जारी करने का घोषणा किया था।
साल का अंतिम दिन भी बीतने को है, लेकिन अब तक परीक्षा परिणाम अथवा कैलेंडर जारी करने की कोई पहल नहीं की गई है।@HemantSorenJMMजी, झूठ बोलने… pic.twitter.com/rBQHhL02f6
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 31, 2024
हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को दिया था बयान
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का 28 नवंबर वाले बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि हेमंत सोरेन जी ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद 1 जनवरी 2025 से पूर्व JPSC और JSSC परीक्षाओं के लिए नियुक्ति कैलेंडर जारी करने का घोषणा किया था.
साल का अंतिम दिन भी बीतने को है, लेकिन अब तक परीक्षा परिणाम अथवा कैलेंडर जारी करने की कोई पहल नहीं की गई है.
हेमंत सोरेन जी! झूठ बोलने की भी कोई सीमा होती है. मुख्यमंत्री पद के गरिमा का सम्मान करिए और झूठ बोलने की आदत छोड़कर प्रतियोगी परीक्षाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन शुरू कीजिए.
जेपीएससी के तहत ये नियुक्तियां हैं लंबित
गौरतलब है कि अभी झारखंड लोक सेवा आयोग के अंतर्गत, 11वीं जेपीएससी सिविल सेवा, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, फूड सेफ्टी ऑफिसर और फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर सहित अलग-अलग 1700 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है.
22 अगस्त से ही जेपीएससी के चेयरमैन का पद खाली है.
वहीं, जेएसएससी के अंतर्गत नगरपालिका सेवा संवर्ग, उत्पाद सिपाही, सिपाही और सीजीएल भर्ती परीक्षा का परिणाम भी लंबित है. सीजीएल का परिणाम आयोग ने जारी किया था लेकिन हाईकोर्ट ने रोक लगा दी.
जेपीएससी चेयरमैन की नियुक्ति में देरी से मुश्किल
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक जेपीएससी के नये चेयरमैन की नियुक्ति नहीं की गयी है.
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का तर्क है कि काफी सोच समझकर किसी व्यक्ति को इतने बड़े पद पर बिठाया जाता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस पर मंथन कर रहे हैं. दूसरी ओर जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा विवादों में है.
28 जनवरी 2024 को ली गयी परीक्षा की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुये हैं.
सितंबर 2024 में हुई परीक्षा में भी धांधली के आरोप लगे हैं. अब बड़ा सवाल यही है कि क्या नये साल में जेपीएससी-जेएसएससी का परीक्षा कैलेंडर जारी होगा. क्या लंबित प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी हो पायेगी. अभ्यर्थी परेशान हैं.