जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में कथित धांधली को लेकर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिर सवाल उठाये हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आयोग ने खुद को क्लीन चिट देकर हड़बड़ी में रिजल्ट जारी किया.
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मामले की जांच कराने को कहा है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार को मामले की जांच कराकर पेपर लीक माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. गौरतलब है कि सितंबर 2024 को ली गयी सीजीएल परीक्षा में धांधली के आरोप लगे हैं. अ
अभ्यर्थियों का आरोप है कि पेपर लीक हुआ था. वहीं, उनका यह भी दावा है कि रिजल्ट जारी करने में भी गड़बड़ी की गयी है.
JSSC-CGL परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच जैसे- जैसे आगे बढ़ रही है, उससे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
पेपर लीक माफियाओं द्वारा रची गई सुनियोजित साजिश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पेपर लीक गिरोह ने परीक्षा से एक दिन पहले ही प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध करा दिए थे।
इतना…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) January 18, 2025
सीजीएल में पेपर लीक का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर कहा कि जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है उससे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पेपर लीक माफिया द्वारा रची गयी सुनियोजित साजिश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पेपर लीक गिरोह ने परीक्षा से एक दिन पहले ही प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध करा दिए थे. इतना सब होने के बावजूद जिस हड़बड़ाहट में खुद को क्लीन चिट देकर आयोग द्वारा परीक्षा परिणाम जारी किया गया, उससे पेपर लीक की साजिश में आयोग की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.
सीआईडी कर रही है पेपर लीक की जांच
गौरतलब है कि सितंबर 2024 में सीजीएल की परीक्षा ली गयी थी.
इसमें धांधली के आरोप लगे जिसे आयोग ने सिरे से नकार दिया. अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंच गये.
4 दिसंबर 2024 को जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया. इसके बाद अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा. उनका आरोप था कि रिजल्ट में भी धांधली की गयी है. अभ्यर्थियों ने 12 दिसंबर को हजारीबाग में प्रदर्शन किया.
15 दिसंबर को रांची में नामकोम स्थित आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन हुआ.
इसके बाद सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिये. अभ्यर्थियों ने सीआईडी को साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.