झारखंड में कथित शराब घोटाला केस में एसीबी के हाथों आईएएस अधिकारी विनय चौबे की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बड़ी मछलियों को बचाने के लिए छोटे लोगों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाला केस की सीबीआई जांच की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हिम्मत है और वह वाकई शराब घोटाला की सच्चाई सामने लाना चाहते हैं तो सीबीआई जांच की अनुशंसा करें.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैंने अप्रैल 2022 में ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखर झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर आगाह किया था.
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को पत्र लिखा था
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार ने मेरे पत्र और चेतावनियों को न केवल नजरअंदाज किया बल्कि छत्तीसगढ़ के शराब माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए झारखंड में हजारों करोड़ रुपये के शराब घोटाले को अंजाम देने में सहयोग किया. बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि शराब माफिया के खर्च पर ही हेमंत सरकार की पूरी कैबिनेट ने रायपुर दौरे का लुत्फ उठाया था.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में ईडी-सीबीआई की ताबड़तोड़ कार्रवाई के डर से एसीबी को आनन-फानन में जांच सौंपी गयी है लेकिन इस बात पर कैसे यकीन किया जा सकता है?
बाबूलाल मरांडी ने आईएएस विनय चौबे का नाम लिए बिना कहा कि उनको बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
मैंने अप्रैल 2022 में ही मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM को पत्र लिखकर झारखंड और छत्तीसगढ़ में होने वाले शराब घोटाले के संदर्भ में आगाह किया था।
सरकार ने मेरे पत्र और चेतावनियों को न सिर्फ नजरअंदाज किया बल्कि छत्तीसगढ़ के शराब माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए झारखंड में हज़ारों करोड़… pic.twitter.com/nYWt9cWswh
— Babulal Marandi (@yourBabulal) May 20, 2025
आज ही आईएएस विनय चौबे की गिरफ्तारी हुई है
गौरतलब है कि आज ही एसीबी ने रांची स्थित मुख्यालय में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के ज्वॉइंट कमिश्नर गजेंद्र सिंह को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
एसीबी ने प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी है कि 31 मार्च 2022 को झारखंड में लागू नई शराब नीति में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तात्कालीन प्रधान सचिव विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह ने एजेंसियों के चयन में स्थापित मानकों का पालन नहीं किया. जिन एजेंसियो का चयन शराब की सप्लाई करने के लिए किया गया था उन्होंने होलोग्राम में छेड़छाड़ करके झारखंड के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया
. एसीबी ने तल्ख लहजे में कहा है कि आईएएस विनय कुमार चौबे ने सरकार के साथ जालसाजी और धोखाधड़ी करके राजस्व को कम से कम 38 करोड़ रुपये का चूना लगाया.