झारखंड में बार-बार रद्द किए जा रहे हैं परीक्षाओं के विज्ञापन,अब तक नहीं निकाली गई JSSC LDC की वैकेंसी

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झारखंड में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के मन में निराशा भरती जा रही है. राज्य सरकार का रवैया इन अभ्यर्थियों के प्रति उदासीन होता दिख रहा है. सरकार लंबे समय से राज्य में नियुक्तियां नहीं कर रही है. राज्य में नियुक्ति के विज्ञापन तो निकाले जा रहे हैं लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ने के बजाय बार- बार इन विज्ञापनों को रद्द कर दिया जा रहा है. आंकड़ों की मानें तो बीते एक से दो साल में झारखंड में 11 लाख से अधिक आवेदन रद्द किए गये हैं.

ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने अभी तक लॉअर डिवीजन क्लर्क यानी कि एलडीसी की वैकेंसी नहीं निकाली है. इससे परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अपनी भविष्य को लेकर चिंतित हैं. बता दें जेएसएससी द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार बीते महिने अगस्त में ही इस वैकेंसी का विज्ञापन जारी होना था, लेकिन अब 15 सितंबर तक भी इसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि राज्य में परीक्षाओं के लिए बीते एक साल में तीन बार संशोधित कैलेंडर जारी हो चुका है.

रिपोर्टस के अनुसार साल 2022 के जून महिने में झारखंड सरकार ने 900 से अधिक पदों पर वैकेंसी निकाली थी. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नियोजन नीति को हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के बाद जेएसएससी द्वारा जारी विज्ञापन रद्द कर दिया गया था. जिसके बाद राज्य के छात्रों ने काफी हल्ला हंगामा मचाया था,जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने छात्रों को आश्ववस्त किया था कि वे जैसा चाहेंगे वैसा ही होगा. जिसके बाद जेएसएससी ने नियमावली में बदलाव करते हुए साल 2023 में दोबारा संशोधित कैलेंडर जारी किया. लेकिन समय पर कोई भी वैकेंसी का विज्ञापन नहीं जारी हो सका. अंत में जेएसएससी को दोबारा इसी साल के बीच में परीक्षा कैलेंडर जारी करना पड़ा. यानी बीते साल 2022 से अब तक परीक्षा कैलेंडर की तारीख में 3 बार संशोधन हुआ.

बता दें झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने अंतिम बार साल 2017 में पंचायत सचिव और एलडीसी की संयुक्त रूप से 2800 से अधिक पदों पर वैकेंसी निकाली थी. जिसके बाद साल 2018 में परीक्षा संपन्न हुई. तब से लेकर अब तक परीक्षा नहीं ली गयी.
राज्य के छात्र सीएम सोरेन से खासा नाराज हैं क्योंकि चुनाव से पहले जेएमएम ने 2019 में अपने मेनीफेस्टो में कहा था कि सरकार बनेगी तो राज्य के 5 लाख छात्रों को रोजगार दिया जाएगा, लेकिन लगभग 4 साल बाद भी सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर पाई है. राज्य में 26 हजार सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. जिसके बाद छात्र आक्रोश में हैं और सरकार से बहालियों की मांग कर रहे हैं.

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