रिम्स परिसर में सरस्वती पूजा पर लगी रोक को हटा दिया गया है. सरस्वती पूजा के लिए प्रबंधन ने परमिशन दे दिया है.
वहीं सरस्वती पूजा पर लगी रोक को लेकर बाबूलाल मरांडी ने स्वस्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर हमला बोला है.
सुरक्षा का हवाला देते हुए प्रशासन ने लगाई थी रोक
बता दें कि हर साल की तरह इस बार भी रिम्स के छात्र हॉस्टल के समीप मैदान में सरस्वती पूजा करना चाहते थे. लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इसकी अनुमति नहीं दी थी.
कुछ दिन पहले रिम्स के छात्र पर हुआ था हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित शुक्रवार रात करीब एक बजे रांची के कोकर में कुछ युवको ने रिम्स के छात्र रविश कुमार सुमन पर हमला कर दिया. हमले में रविश गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया. हालांकि युवक पर हमला करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
रिम्स के डॉ विकास कुमार ने ट्वीट कर किया था अपील
इस घटना के बाद ही रिम्स प्रबंधन ने सरस्वती पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी थी. वहीं सरस्वती पूजा पर लगी रोक के बाद रिम्स के न्यूरो सर्जन डॉ विकास ने ट्वीट कर लिखा था कि जब लड़ाई अस्तित्व की हो ,तो लड़ना धर्म बन जाता है !! रिम्स प्रबंधन ने फैसला लिया है कि रिम्स में सरस्वती पूजा नहीं मनाई जाएगी और हवाला उसी घटना का दिया है जो रिम्स परिसर में हुई ही नहीं है.
https://x.com/drvikas1111/status/1883396029107843174
आगे लिखा कि ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ है. यह पूजा नहीं हमारा अस्तित्व है. आज सरस्वती पूजा बंद की है. कल पता नही और क्या बंद किया जाएगा. चंद दिनों पहले आपके सिक्योरिटी गार्ड ने मरीज के महिला परिजन के साथ रेप जैसी घटना को अंजाम दिया था. महोदय, जब सड़क पर कोई हादसा हो, तो उस हादसे के कारणों को दूर करना चाहिए.
सड़क ही बंद कर देना बुद्धिमानी नहीं होती है. लगता है रिम्स में बैठे बड़े पद वालो से RIMS संभल नहीं रहा है और अपनी कमी को छुपाने के लिए इस देश की सांस्कृतिक परंपराओं पर सीधा आघात किया जा रहा है, जो हर दृष्टि से निंदनीय है. आगे विकास ने स्वस्थ्य मंत्री को टैग करते हुए लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी से निवेदन है, कि इस पर उचित कार्रवाई करें. यह पूजा नहीं हमारा अस्तित्व है.
वहीं इनके ट्वीट के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर मंत्री इरफान अंसारी पर हमला बोला.
“सांप्रदायिक विचारधारा और धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दे रहे है”
बाबूलाला ने अपने पोस्ट में लिखा यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इरफान अंसारी जैसे लोगों को रिम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की जिम्मेदारी दी गई है. उनकी सांप्रदायिक विचारधारा और फैसले सांस्कृतिक और धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं.
https://x.com/yourBabulal/status/1883410165598503220
ताजा मामला सरस्वती पूजा को लेकर उठाए गए सवालों का है. सरस्वती पूजा कोई साधारण धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह हमारी शिक्षा, ज्ञान और संस्कृति की आत्मा है. यह वह परंपरा है जो पीढ़ियों से हमारे समाज को एक सूत्र में पिरोती आई है. लेकिन आज इसे रोकने की कोशिशें हो रही हैं.
सवाल यह है कि अगर आज सरस्वती पूजा पर आपत्ति की जा रही है, तो क्या कल हमारी संस्कृति और देवी-देवताओं के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए जाएंगे? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से अनुरोध है कि वे इस बेहद संवेदनशील मामले का खुद से संज्ञान लें.
हालांकि अब प्रशासन ने संज्ञान लिया और सरस्वती पूजा पर लगी रोक को हटा दिया है. जिसके बाद बाबूलाल मरांडी ने एक ओर पोस्ट सोशल मीडिया पर किया है.
रोक हटाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने क्या कहा?
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर दूसरा पोस्ट करते हुए लिखा जानकारी मिली है कि रिम्स प्रशासन ने रिम्स के डाक्टरों, छात्रों एवं वहाँ के जनभावना का सम्मान करते हुए सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं करने देने का अपना तुगलकी आदेश अब वापस ले लिया है.
https://x.com/yourBabulal/status/1883468940866630136
अब वहाँ पहले से चली आ रही परम्परा का निर्वहन करते हुए विधिवत सरस्वती पूजा का आयोजन होगा. शासन का यह कदम स्वागत योग्य है.