विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड भाजपा में बन रही अंतर्कलह की स्थिति !

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क्या झारखंड भाजपा के अंतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है ? क्या संगठन में बन रही है अंतर्कलह की स्थिति ? क्या इस अंतर्कलह का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा ?

झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां रणनीतियां बना रही है. भाजपा भी प्रदेश कमिटी से लेकर मंडल तक में अपने संगठन को मजबूत करने में लगी है.

लेकिन धनबाद जिला में भाजपा में अंतर्कलह की स्थिति भी बनती नजर आ रही है. भाजपा के कई कार्यकर्ताओं में अपनी ही पार्टी से नाराजगी है. दरअसल, धनबाद जिला भाजपा ग्रामीण की नई कमेटी में भाजपा में महतो समुदाय को तरजीह नहीं देने का आरोप लगा हैं.

कुछ दिनों पहले धनबाद ग्रामीण जिला अध्यक्ष घनश्याम ग्रोवर ने धनबाद जिला भाजपा ग्रामीण की नई कमेटी की  सूची जारी की थी.

जारी सूची में दिनेश मंडल को गोबिन्दपुर पश्चिम, तालेश्वर साव को गोविन्दपुर पूर्वी, सुजीत चौधरी को बरवाअड्डा, अरबिन्द पाठक को सिन्दरी नगर, विश्वजीत मुखर्जी को  बलियापुर पूर्वी एवं विरन्ची सिंह को बलियापुर पश्चिम का मंडल अध्यक्ष बनाया गया है.

महतो समुदाय द्वारा इनका विरोध किया जा रहा है .उनका कहना है कि धनबाद के कई इलाके महतो बहुल हैं फिर भी किसी भी महतो जाति से आने वाले नेता को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया गया है.

राहुल मोदक ने इस मामले में सोशल मीडिया पर लिखा – सिंदरी विधानसभा में महतो वोटर निर्णायक हैं. चुनाव में महतो वोटरों की मुख्य भूमिका रहती है. इसके बावजूद किसी महतो को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया गया. ऐसा तब है जब इस क्षेत्र से महतो विधायक हैं, साथ ही पूरे विधानसभा में उनकी पत्नी काफी सक्रिय हैं. आखिर भाजपा किस चेहरे को लेकर महतो से वोट मांगने जाएगी.

नई कमेटी की लिस्ट का विरोध न केवल सिंदरी बल्कि निरसा और टुंडी विधानसभा क्षेत्र में भी देखा जा रहा है.

कुछ लोगों का कहना है कि नई कमेटी में सिंदरी विधानसभा के लगभग 50 फीसदी पदाधिकारी हैं, जबकि टुंडी और निरसा विधानसभा से आधे पदाधिकारी हैं.

हालांकि कमेटी की घोषणा के बाद एक गुट का कहना ये भी है कि टीम में ढुल्लू महतो के करीबियों को ही जगह दी जा रही है ,लेकिन एक गुट एक बात का खंडन करता है.

झारखंड भाजपा में न केवल मंडल स्तर बल्कि प्रमंडलों में भी खासा अपने संगठन से ही खासा नाराजगी देखी जा रही है. कुछ दिनों पहले झारखंड भाजपा ने भाजपा युवा मोर्चा, भाजपा किसान मोर्चा, भाजपा अनुसूचित  जनजाति मोर्चा, भाजपा महिला मोर्चा की भी सूची जारी की गई थी. जिसमें सबसे अधिक पदों पर रांची के नेताओं को जगह दी गई और संथाल,कोल्हान प्रमंडल के नेताओं की पूरी तरह से अनदेखी की गई. इसका भी विरोध देखा जा रहा है .लिस्ट जारी होने के बाद ये सवाल लगातार उठ रहे हैं कि टीम में रांची के भाजपा नेताओं को ही सबसे अधिक तरजीह क्यों दी गई है. कोल्हान प्रमंडल के नेताओं को टीम में जगह नहीं मिलने पर उनमें भी खासा नाराजगी देखी जा रही है.

अब देखना होगा कि भाजपा अपने ही संगठन के भीतर चल रहे अंतर्कलह को समाप्त कर पाएगी या इसकी किमत पार्टी को चुनाव में चुकानी पड़ेगी.

 

 

 

 

 

 

 

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